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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सुदूर संवेदन एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली के मूल तत्व

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2777
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के भौगोलिक उपागम से आपका क्या आशय है? इसके प्रमुख चरणों का भी वर्णन कीजिए।

उत्तर -

जी०आई०एस० के भौगोलिक उपागम

भौगोलिक सूचना प्रणाली भूगौल की एक नवीनतम तकनीक है। वास्तव में भूगोल एवं जी०आई०एस० ( भौगोलिक सूचना प्रणाली) दोनों ही पृथ्वी के धरातल की सूचनाओं के सम्बन्ध में उपयुक्त समझ उत्पन्न करते हैं। भौगोलिक ज्ञान का उपयोग मानव के क्रियाकलापों को संचालित करने के साथ ही भौगोलिक उपागम की उत्पत्ति होती है। भौगोलिक उपागम का आशय किसी भी समस्या के समाधान के लिए एक नये तरीके की सोच विकसित करना है जो भौगोलिक सूचनाओं को एकीकृत और संगठित करती है जिससे पृथ्वी जैसे ग्रह के बारे में अधिकतम जानकारी प्राप्त की जा सके।

भौगोलिक उपागम भौगोलिक ज्ञान को जागृत कर हमारी जिज्ञासा को बढ़ाता है। पृथ्वी का मापन, आंकड़ों या सूचनाओं का व्यवस्थीकरण, विभिन्न प्रक्रियाओं की मॉडलिंग, अवयवों में आपसी सम्बन्ध इत्यादि भौगोलिक ज्ञान के प्रमुख बिन्दु हैं जिनका अध्ययन भौगोलिक विश्लेषण के अंतर्गत किया जाता है। भौगोलिक उपागम के माध्यम से सांसारिक घटनाओं का डिजाइन भी योजनाबद्ध किया जा सकता है। भौगोलिक उपागम के प्रमुख चरण निम्न प्रकार हैं-

भौगोलिक उपागम के प्रमुख चरण

चरण-1 प्रश्न करना - किसी भी भौगोलिक समस्या को उजागर करने से पूर्व प्रश्न उठता है कि जिस समस्या का समाधान या विश्लेषण किया जाना है या किया जा रहा है वह समस्या क्या है तथा वह भौगोलिक दृष्टि से कहाँ स्थित है? इस प्रकार के प्रश्न करने से उसके उत्तर प्राप्त करने में सहायता मिलती है।

चरण - 2 उपार्जन करना - भौगोलिक उपागम के दूसरे चरण में समस्या सम्बन्धित सूचनाओं की सूची निर्धारित की जाती है जिनकी विश्लेषणकर्ता को नितान्त आवश्यकता होती है। यह भी निश्चित किया जाता है कि अमुक सूचना प्राप्त की जा सकती है या जी०आई०एस० के अंतर्गत तैयार की जा सकती है। आँकड़ों के प्रकार एवं उनके भौगोलिक महत्व के माध्यम से किसी समस्या के मूल में पहुँचने की कला और विधियों को भी स्पष्ट करने में मदद मिलती है।

यहाँ उच्च स्तर की अध्ययन विधियाँ उपयोग के लिए आवश्यक हैं जिससे नये प्रकार के आंकड़ों को उत्पन्न किया जाये। नये प्रकार की सूचनाओं को सूचीबद्ध करने के लिए भौगोलिक धरातलीय तथा अधरातलीय सूचनाओं की आवश्यकता होती है। इन सूचनाओं एवं आँकड़ों को तालिकाओं, नये प्रकार के मानचित्रों की परतों इत्यादि तरीकों से जीआईएस द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।

चरण-3 परीक्षण करना - सूचनाओं या आँकड़े की उत्तमता को परखना भी भौगोलिक उपागम का प्रमुख चरण है। इस विधि में यह देखा जाता है कि प्राप्त किये गये आँकड़े हमारे अध्ययन के लिए अनुकूल है या नहीं। अनुकूल होने पर उन्हें किस रूप में उपयोग किया जा सकता है।

परीक्षण के अंतर्गत प्रत्यक्ष निरीक्षण, अन्वेषण (संगठित करने के तरीके), एक आँकड़ा सेट से दूसरे आँकड़ा सेट से सम्बन्ध, आँकड़ों को व्यवस्थित करने के विज्ञान के नियम तथा आँकड़ों के प्राप्ति का स्रोत ( Meta data) इत्यादि को सम्मिलित किया जाता है।

चरण - 4 विश्लेषण करना - जीआईएस के अगले चरण में, आँकड़ों अथवा सूचनाओं की व्याख्या करनी होती है। परिणामों के आधार पर यह तय किया जाता है कि प्रयोग की जा रही सूचनायें उपयोगी और वैधानिक हैं या नहीं। विभिन्न अवयवों के विश्लेषण करने में उपयोग की गई विधियाँ कितनी कारगर सिद्ध हुई हैं?

इस प्रकार जीआईएस मॉडलिंग की जाती है जिसके माध्यम से परिणामों के परिवर्तन को सरल, शुद्ध एवं आसान बनाया जाता है, जो नये परिणाम प्रस्तुत करने में सहायक होते हैं कि रॉस्टर एवं विक्टर आँकड़ा मॉडल इसी कदम के प्रतिफल हैं।

चरण -5 कार्यान्वयन (Action) - परिणामों का प्रस्तुतीकरण एवं कार्यान्वयन करना भौगोलिक उपागम का अन्तिम चरण होता है। किसी भी समस्या के परिणामों की रिपोर्ट, मानचित्रों, तालिकाओं, चार्टों या इन्टरनेट या वेब अथवा अन्य मुद्रित माध्यमों से प्रयोगकर्ताओं के मध्य आदान-प्रदान की जा सकती हैं। किसी भी विश्लेषण के परिणामों की प्रस्तुतीकरण के उपयुक्त साधनों की नितान्त आवश्यकता होती है। यह देखा जाता है कि कौन सी विधि परिणामों को उपयोगकर्ता तक पहुँचाने में अति सहयोगी हो सकती है। इसके लिये सभी तरह के ऑडियो विजुअल विद्युतीकरण यंत्रों से समस्या के परिणामों को आंशिक एवं पूर्ण रूप से प्रस्तुत कर उस पर कार्यान्वयन किया जाता है। परिणामों के द्वारा समस्या का निदान करना ही किसी योजना की सफलता मानी जाती है।

भौगोलिक सूचना प्रणाली की विषय वस्तु तथा क्रियाकलापों को धरातलीय सूचना प्रणाली भी कहते हैं, क्योंकि यह किसी भी स्थान विशेष पर स्थित आँकड़ों का संचालन करती है। इसी प्रकार 'अधरातलीय आँकड़ा' शब्द का प्रयोग समान्तर रूप से लाक्षणिक आँकड़ों के लिये किया जाता है। उदाहरण के लिए, वर्षा, तापमान, मिट्टी के रासायनिक गुण, जनसंख्या आँकड़ा इत्यादि। यहाँ पर यह समझना आवश्यक है कि धरातलीय आँकड़ों के संचालन के लिये कई प्रकार के तकनीकी शब्द प्रयोग किये जाते हैं जिनमें कुछ इस प्रकार हैं-

(a) भू-सूचना प्रणाली
(b) धरातलीय सूचना प्रणाली
(c) भूमि सूचना प्रणाली
(d) बहु-उद्देशीय भू-आधारित प्रणाली

अंत में निष्कर्ष के तौर पर कहा जा सकता है कि “भौगोलिक सूचना प्रणाली एक कम्प्यूटर सहायता प्राप्त तन्त्र है जो भौगोलिक संसार के विभिन्न पहलुओं से संबंधित आँकड़ों को एकत्र, संग्रह, विश्लेषण, परिचालन, प्रस्तरण तथा पुनर्प्रसारण करता है। यह किसी निर्णय पर पहुँचने का शक्तिशाली साधन या प्रणाली है"।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सुदूर संवेदन से आप क्या समझते हैं? विभिन्न विद्वानों के सुदूर संवेदन के बारे में क्या विचार हैं? स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- भूगोल में सुदूर संवेदन की सार्थकता एवं उपयोगिता पर विस्तृत लेख लिखिए।
  3. प्रश्न- सुदूर संवेदन के अंतर्राष्ट्रीय विकास पर टिप्पणी कीजिए।
  4. प्रश्न- सुदूर संवेदन के भारतीय इतिहास एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
  5. प्रश्न- सुदूर संवेदन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- सुदूर संवेदन को परिभाषित कीजिए।
  7. प्रश्न- सुदूर संवेदन के लाभ लिखिए।
  8. प्रश्न- सुदूर संवेदन के विषय क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।
  9. प्रश्न- भारत में सुदूर संवेदन के उपयोग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  10. प्रश्न- सुदूर संवेदी के प्रकार लिखिए।
  11. प्रश्न- सुदूर संवेदन की प्रक्रियाएँ एवं तत्व क्या हैं? वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- उपग्रहों की कक्षा (Orbit) एवं उपयोगों के आधार पर वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
  13. प्रश्न- भारत के कृत्रिम उपग्रहों के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
  14. प्रश्न- कार्य के आधार पर उपग्रहों का विभाजन कीजिए।
  15. प्रश्न- कार्यप्रणाली के आधार पर सुदूर संवेदी उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  16. प्रश्न- अंतर वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली से आप क्या समझते हैं?
  17. प्रश्न- भारत में उपग्रहों के इतिहास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  18. प्रश्न- भू-स्थाई उपग्रह किसे कहते हैं?
  19. प्रश्न- ध्रुवीय उपग्रह किसे कहते हैं?
  20. प्रश्न- उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  21. प्रश्न- सुदूर संवेदन की आधारभूत संकल्पना का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के सम्बन्ध में विस्तार से अपने विचार रखिए।
  23. प्रश्न- वायुमण्डलीय प्रकीर्णन को विस्तार से समझाइए।
  24. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रमी प्रदेश के लक्षण लिखिए।
  25. प्रश्न- ऊर्जा विकिरण सम्बन्धी संकल्पनाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। ऊर्जा
  26. प्रश्न- स्पेक्ट्रल बैण्ड से आप क्या समझते हैं?
  27. प्रश्न- स्पेक्ट्रल विभेदन के बारे में अपने विचार लिखिए।
  28. प्रश्न- सुदूर संवेदन की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- सुदूर संवेदन की कार्य प्रणाली को चित्र सहित समझाइये |
  30. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्रकार और अनुप्रयोगों का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  32. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्लेटफॉर्म से आपका क्या आशय है? प्लेटफॉर्म कितने प्रकार के होते हैं?
  33. प्रश्न- सुदूर संवेदन के वायुमण्डल आधारित प्लेटफॉर्म की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  34. प्रश्न- भू-संसाधन उपग्रहों को विस्तार से समझाइए।
  35. प्रश्न- 'सुदूर संवेदन में प्लेटफार्म' से आप क्या समझते हैं?
  36. प्रश्न- वायुयान आधारित प्लेटफॉर्म उपग्रह के लाभ और कमियों का वर्णन कीजिये।
  37. प्रश्न- विभेदन से आपका क्या आशय है? इसके प्रकारों का भी विस्तृत वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- फोटोग्राफी संवेदक (स्कैनर ) क्या है? इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- सुदूर संवेदन में उपयोग होने वाले प्रमुख संवेदकों (कैमरों ) का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- हवाई फोटोग्राफी की विधियों की व्याख्या कीजिए एवं वायु फोटोचित्रों के प्रकार बताइये।
  41. प्रश्न- प्रकाशीय संवेदक से आप क्या समझते हैं?
  42. प्रश्न- सुदूर संवेदन के संवेदक से आपका क्या आशय है?
  43. प्रश्न- लघुतरंग संवेदक (Microwave sensors) को समझाइये |
  44. प्रश्न- प्रतिबिंब निर्वचन के तत्वों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- सुदूर संवेदन में आँकड़ों से क्या तात्पर्य है?
  46. प्रश्न- उपग्रह से प्राप्त प्रतिबिंबों का निर्वचन किस प्रकार किया जाता है?
  47. प्रश्न- अंकिय बिम्ब प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  48. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण से आप क्या समझते हैं? डिजिटल प्रक्रमण प्रणाली को भी समझाइए।
  49. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण के तहत इमेज उच्चीकरण तकनीक की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  50. प्रश्न- बिम्ब वर्गीकरण प्रक्रिया को विस्तार से समझाइए।
  51. प्रश्न- इमेज कितने प्रकार की होती है? समझाइए।
  52. प्रश्न- निरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण और अनिरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।
  53. प्रश्न- भू-विज्ञान के क्षेत्र में सुदूर संवेदन ने किस प्रकार क्रांतिकारी सहयोग प्रदान किया है? विस्तार से समझाइए।
  54. प्रश्न- समुद्री अध्ययन में सुदूर संवेदन किस प्रकार सहायक है? विस्तृत विवेचना कीजिए।
  55. प्रश्न- वानिकी में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- कृषि क्षेत्र में सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी की भूमिका का सविस्तार वर्णन कीजिए। साथ ही, भारत में कृषि की निगरानी करने के लिए सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने हेतु सरकार द्वारा आरम्भ किए गए विभिन्न कार्यक्रमों को भी सूचीबद्ध कीजिए।
  57. प्रश्न- भूगोल में सूदूर संवेदन के अनुप्रयोगों पर टिप्पणी लिखिए।
  58. प्रश्न- मृदा मानचित्रण के क्षेत्र में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  59. प्रश्न- लघु मापक मानचित्रण और सुदूर संवेदन के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
  60. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का अर्थ, परिभाषा एवं कार्यक्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
  61. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के भौगोलिक उपागम से आपका क्या आशय है? इसके प्रमुख चरणों का भी वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के विकास की विवेचना कीजिए।
  63. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली का व्याख्यात्मक वर्णन प्रस्तुत कीजिए।
  64. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग क्या हैं? विस्तृत विवरण दीजिए।
  65. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र (GI.S.)से क्या तात्पर्य है?
  66. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  67. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के उद्देश्य बताइये।
  68. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का कार्य क्या है?
  69. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के प्रकार समझाइये |
  70. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र की अभिकल्पना का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के क्या लाभ हैं?
  72. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में उपयोग होने वाले विभिन्न उपकरणों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में कम्प्यूटर के उपयोग का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  74. प्रश्न- GIS में आँकड़ों के प्रकार एवं संरचना पर प्रकाश डालिये।
  75. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के सन्दर्भ में कम्प्यूटर की संग्रहण युक्तियों का वर्णन कीजिए।
  76. प्रश्न- आर्क जी०आई०एस० से आप क्या समझते हैं? इसके प्रशिक्षण और लाभ के संबंध में विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  77. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में प्रयोग होने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- ERDAS इमेजिन सॉफ्टवेयर की अपने शब्दों में समीक्षा कीजिए।
  79. प्रश्न- QGIS (क्यू०जी०आई०एस०) के संबंध में एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- विश्वस्तरीय सन्दर्भ प्रणाली से आपका क्या आशय है? निर्देशांक प्रणाली के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- डाटा मॉडल अर्थात् आँकड़ा मॉडल से आप क्या समझते हैं? इसके कार्य, संकल्पना और उपागम का वर्णन कीजिए।
  82. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की विवेचना कीजिए। इस मॉडल की क्षमताओं का भी वर्णन कीजिए।
  83. प्रश्न- विक्टर मॉडल की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  84. प्रश्न- कार्टोग्राफिक संकेतीकरण त्रिविम आकृति एवं मानचित्र के प्रकार मुद्रण विधि का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की कमियों और लाभ का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- विक्टर मॉडल की कमियों और लाभ के सम्बन्ध में अपने विचार लिखिए।
  87. प्रश्न- रॉस्टर और विक्टर मॉडल के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  88. प्रश्न- डेटाम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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